बिलासपुर, यमुनानगर। फारेस्ट डिविजन यमुनानगर की साढौरा रेंज के अंतर्गत बिजली निगम के कांट्रेक्टर द्वारा सड़क किनारे लगाए जा रहे खंबो को लेकर फारेस्ट डिपार्टमेंट से कोई अनुमति नहीं मिली है। इसके बावजूद खंबे गाड़े जा रहे है न केवल फारेस्ट लैंड का यूज किया जा रहा है बल्कि बीएंडआर विभाग की रोड किनारे बर्म का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि काम करने वाली एजेंसी ने एफसीए के तहत अप्रूवल के लिए अप्लाई किया हुआ है मगर अभी तक अप्रूवल मिली नहीं है।

बिना वन विभाग की अनुमति के बिलासपुर से छछरौली रोड पर फारेस्ट एरिया में बिजली के खंबे गाड़े जा रहे हैं। जिसके ऊपर बिजली की बड़ी केबल डाली जा रही है। यह खंबे सड़क किनारे फारेस्ट व बीएंडआर लैंड पर गाड़े जा रहे है। जिसके लिए विभागीय अनुमति लेना अनिवार्य होता है इसमें बीएंडआर से भी अनुमति की भी आवश्यकता होती है ओर एफसीए के तहत फारेस्ट से भी अनुमति लेना जरुरी है। मगर एफसीए के तहत अभी कोई अप्रूवल न आने के बावजूद खंबे गाड़ दिए गए हैं। इस सड़क पर यह खंबे पेड़ों के बीचों बीच इस तरह गाड़ दिए गए है कि यह रोड सेफ्टी के लिए भी खतरा बन सकते है। क्योंकि अगर तूफान में एक भी पेड़ गिरता है तो वह सीधा बिजली की केबल के ऊपर गिरेगा उसके बाद पूरी लाइन ही सड़क पर आ सकती है जिससे आने जाने वाले वाहन चालकों की जान को खतरा हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि पहले बिजली के खंबे रोड साइड पर नहीं है मगर मानसून सीजन में आंधी तूफान के दौरान जो लगातार घटनाएं हो रही है उसको देखकर कार्य को सही तरीके से विभागीय अनुमति से किया जाना चाहिए ताकि अगर कल को कोई दिक्कत आती है तो संबधित विभागों से भी पूछा जा सके कि आपने क्या चेक कर अनुमति प्रदान की थी।

सूखे व रोड सेफ्टी में दिक्क्त कर रहे पेड़ों के कटान में भी आती है अड़चन

फारेस्ट कारपोरेशन जब सूखे या रोड सेफ्टी के लिए खतरनाक हो चुके पेड़ों को जब काटना चाहती है तो यह खंबे उसके लिए बड़ी अड़चन बनते हैं। कटान के लिए भी बिजली निगम इन तारों को हटाता नहीं है ओर एस्टीमेट बनाने की बात कहता है जबकि पेड़ विभाग की जगह पर खड़े है ओर खंबे बिना अनुमति खड़े होते हैं। ऐसे में कई कई महीने या सालों तक कटान नहीं हो पाता है।

बिना अप्रूवल अगर खंबे गाड़ दिए गए है तो करवाएंगे चेक : रेंज अधिकारी

साढौरा के रेंज अधिकारी अजय नैन का कहना है कि संबधित एजेंसी ने एफसीए के तहत अप्रूवल के लिए केस भेजा हुआ है मगर अभी अप्रूवल मिली नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि बिना अप्रूवल आखिर खंबे कैसे गाड़ दिए गए तो उनका कहना था कि वह चेक कराते है अगर ऐसा हुआ तो कार्रवाई करेंगे।

वहीं इस बारे में जब बिलासपुर बिजली निगम के एसडीओ से उनके मोबाइल नंबर पर बात करने का प्रयास किया गया तो काल कनेक्ट नहीं हो पाई।

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