• हरे-भरे क्षेत्र की हरियाली को निगल रहा है अवैध खनन, नदियां, प्राइवेट लैंड, पंचायती जमीनें सब खनन चोरों के निशाने पर

नगली, बिलासपुर, यमुनानगर।  अवैध खनन के काले कारोबार से शिवालिक की तलहटी में बसे नगली का हरा-भरा क्षेत्र पूरी तरह से बर्बादी की ओर है। यहां पर प्राइवेट लैंड हो या नदी की जमीन हर जगह एचएम के अलावा जेसीबी की सहायता से खुलेआम दिन के उजाले में अवैध खनन हो रहा है। कार्रवाई तो दूर की बात खनन विभाग के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते। ऐसे में यह पूरा हरा भरा क्षेत्र उजाड़ होता जा रहा है। नगली-जैतपुर के पास बह रही नदी के बीच में अवैध खनन कर माल को नगली के स्क्रीनिंंग प्लाटों पर ले जाया जाता है। क्रशिंग व स्क्रीनिंग प्लाटों पर पड़ा स्टाक आस-पास किए जा रहे अवैध खनन से ही इक्टठा किया गया है।

रणजीतपुर एरिया से चंद किलोमीटर की दूरी पर शिवालिक की गोद में बसा नगली क्षेत्र पूरी तरह से अवैध खनन माफिया ने उजाड़ दिया है जहां पर लगभग एक दशक पूर्व चारों ओर पेड़-पौधों की हरियाली थी वहां पर अब खनन चोरों ने इतना आंतक मचाया हुआ है कि किसी भी रास्ते से नगली क्षेत्र में एंट्री करो हर जगह बड़ी-बड़ी मशीने अवैध खनन कर रही है, यही नहीं हर रोड पर चोरी किए हुए कच्चे माल से भरे अवैध डंपर चल रहे हैं।

सलेमपुर कोही से थोड़ा आगे जाते ही नगली एरिया की बदहाली का आलम दिखने लगता है यहां पर नदी पर बने पुल को क्रास कर ऊपर के एरिया से कच्चे माल से भरे डंपर आते है वहीं गांव के निचली ओर जहां पर क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट लगे हुए है वहां पर भी चारों ओर खेती की जमीनों में अवैध खनन चल रहा है।

अवैध जोन से जैसे ही पूर्व की ओर नदी में नीचे उतरते है वहां पर नदी के बहाव से हो रहे कटान को रोकने के लिए जहां एक विभाग ने क्रेट वायर स्ट्रक्टचर लगाया हुआ है वहीं उसके साथ ही नदी में अवैध खनन हो रहा है यहां पर जेसीबी की सहायता से मुफ्त का माल उठाया जा रहा है, फिर उसे क्रश या स्क्रीनिंग करके ऊंचे दामों पर बाजार में बेचा जाता है। यहां से थोड़ा आगे जैसे ही नदी को क्रास करते है वहां भी दिन के समय में ही एचएम की सहायता से धड़ल्ले से अवैध खनन होता है। यहां पर बड़ी संख्या में डंपर कच्चे माल को नगली के अवैध क्रशर जोन की ओर ले जाते हैं।

ब कुछ फर्जी, फिर भी शाम ढलते ही सैकड़ों की संख्या में निकलती है गाड़ियां

न केवल अवैध खनन हो रहा है, बल्कि यहां पर बने क्रशिंग व स्क्रीनिंग जोन में अधिकतर यूनिटस तय पैरामीटर भी पूरे नहीं करती। जिसके बारे में वन विभाग पहले भी कई पत्र लिख चुका है व दूसरे विभागों ने कार्रवाई भी की है, हालांकि यह कार्रवाई एक औपचारिकता मात्र ही होती है जैसे ही कोई कार्रवाई कर अधिकारी यहां से निकलते है वैसे ही यहां पर खनन का काला कारोबार चालू हो जाता है, यानी हर रोज लाखों का मैटरियल, लाखों की रायल्टी के अलावा, लाखों की जीएसटी चोरी होती है। मगर खनन विभाग के साथ किसी को फर्क नहीं पड़ता है।

खनन, पाल्यूशन, एनफोर्समेंट आदि कई विभाग जिनकी जवाबदेही तय है वह भी यहां पर अवैध खनन को नहीं रुकवा पा रहे है, सरेआम न केवल चोरी हो रही है, बल्कि पर्यावरण से खुला खिलवाड़ हो रहा है। इस एरिया में कोई खनन घाट न होना उसके बावजूद इतने व्यापक पैमाने पर खनन की अवैध इंडस्ट्री चलना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं दाल में काला है। खनन अधिकारी हो या इंस्पेक्टर उनका तो यह हाल है कि वह किसी का फोन तक नहीं उठाते है। वहीं जिन माइनिंग गार्डस की डयूटी अवैध खनन को रोकने के लिए फील्ड में होनी चाहिए थी, उनको नाकों तक सीमित कर रखा है यानी कहीं न कहीं खनन चोरों को अवैध खनन के लिए खुला मैदान मिला हुआ है।

इस बारे में स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो के इंस्पेक्टर रोहताश का कहना था कि वह स्टाफ को भेजते है उसके बाद जो भी कार्रवाई बनेगी वह की जाएगी। 

Sharing

Leave a Reply

error: Content is protected !!