सड़क बनाने के समय भी बर्म में न मिटटी डाली गई , न ही विभाग ने कभी ध्यान दिया, इसकी वजह से किनारे हुए कमजोर

जगाधरी। बारिश की वजह से खारवन से छछरौली वाया बलाचौर रोड की साइड में जगह-जगह कटाव शुरु हो गया है। कई जगह सड़क किनारे बह गए। विभाग मिटटी के बैग लगाकर कटाव को रोकने का प्रयास कर रहा है। मगर सवाल यह है कि करोड़ों की लागत से बनी सड़क इतनी आसानी से कैसे बह रही  है। बिना बर्म के सड़क को कैसे रोका जा सकता है।

खारवन से छछरौली जाने वाले लिंक रोड की बारिश की वजह से हालत खस्ता होती जा रही है। सड़क के आस-पास खेत नीचे होने की वजह से सड़क की मिटटी का कई जगह से कटाव हो चुका है। सड़क की बर्म बिल्कुल खत्म हो चुकी है। सड़क बनाते वक्त भी बर्म में न तो मिटटी डाली गई न ही बर्म को पूरा किया गया। लोक निर्माण विभाग के स्टाफ ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।

जिसकी वजह से पक्की सड़क बहने लग गई है। सड़क के दोनों ओर बड़ी-बड़ी घास खड़ी है। बीच में जगह- जगह सड़क कई जगह टूटने से रात के समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। विभाग सड़क के कटाव को रोकने के लिए मिटटी के बैग लगा रहा है मगर जहां पर कंक्रीट ओर तारकोल की सड़क नहीं टिक रही वहां पर मिटटी के बैग लगाने से क्या लाभ होगा। संदीप कुमार, जगदीश आदि का कहना है कि अगर बारिश लगातार कुछ दिन हुई तो सड़क को कैसे बचाया जा सकेगा।

 

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