अब यदि बाढ़ बचाव के काम मानूसन सीजन के बाद होंगे, ओर बाढ़ अपना कहर बरपाएगी तो ऐसे में करोड़ों खर्च करने का क्या लाभ 

जगाधरी। मंगलवार को आई बारिश के बाद सिंचाई विभाग के बाढ़ बचाव के कामों की हालत देखकर ग्रामीणों को बाढ़ से होने वाले नुकसान का भय सता रहा है। सिंचाई विभाग के बाढ़ से बचाव के कार्यों की हालत ऐसी है वह पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। मंगलवार तड़के पूरे जिले में कई घंटे बारिश हुई है। बारिश के बाद चिंतपुर-खानुवाला एरिया में पानी का जमाव होना शुरु हो गया है यहां पर पिछली बार भी बारिश ने खेतो व आबादी एरिया में भयंकर नुकसान किया था। मंगलवार को सिंचाई विभाग की विजिलेंस विंग की टीम ने मौके का दौरा किया तो वहां सिंचाई विभाग के काम की हालत देखकर लोगों ने अपना गुस्सा विजिलेंस टीम को सुनाया। लोगों का कहना था कि हर साल करोड़ों का बजट पानी में बह जाता है इस बार तो मानसून आ गया अब काम कब पूरा होगा।  

विजिलेंस विंग के एक्सईन हरिदेव कांबोज व उनकी टीम निरंतर विभाग के कामों का निरीक्षण कर है। पहली बार लगा है कि विभाग में कोई विजिलेंस विंग भी है इससे पहले तो कभी शायद किसी ने विजिलेंस विंग को फील्ड में उतरे देखा हो। इतनी बारिश के दौरान भी विजिलेंस टीम साइटों का निरीक्षण कर रही है

जबकि सिंचाई विभाग का मौके पर कहीं कोई जेई, एसडीओ भी दिखाई नहीं देता। विजिलेंस टीम जब खानूवाला-चिंतपुर एरिया में बाढ से बचाव के कार्यों का निरीक्षण करने पहुंची तो वहां की हालत ऐसी थी कि काम कब पूरा होगा इसका किसी को पता तक नहीं था। ग्रामीण भी काम की हालत से इतने गुस्से में थे कि उनका कहना था कि ऐसी हालत रही तो इस बार बाढ़ से सब कुछ बह जाएगा। उनका कहना था कि करोड़ों रुपये खर्च कर यहां पर हासिल क्या हो रहा है जो काम 30 जून तक पूरे होने चाहिए थे वह 30 जुलाई तक भी पूरे होते नहीं दिख रहे। जिस पत्थर को पटरी पर लगाया जाना था वह खेतों में इधर-उधर बिखरा पड़ा है। पिछली बार भी करोडो खर्च किए गए थे इस बार फिर से बजट आ गया है। काम का कहीं पर अता पता नहीं है। उनका कहना था कि इन कामों की जांच होनी चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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