- कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा इसकी जांच होनी चाहिए, करोड़ों खर्च कर भी नहीं रोका जा पा रहा है नुकसान
कलेसर, यमुनानगर। कलेसर नेशनल पार्क के नजदीक यमुना में लगाए गए सीसी स्टड व सीसी वाल का काम सात से आठ माह पहले ही पूरा हुआ था। मगर इस सीजन की पहली बारिश में ही स्टड व दीवार का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया, हालांकि यमुना अभी बहुत अधिक पानी भी नहीं है इसके बावजूद खेती योग्य जमीन को बचाने के लिए लगाई गई दीवार खुद को ही नहीं बचा पाई है। दीवार के बहने से पश्चिम साइड में भूमि में कटाव शुरु हो गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष के अनुसार सिंचाई विभाग द्वारा करवाए गए इस काम की जांच होनी चाहिए।
कलेसर नेशनल पार्क के पूर्व में बह रही यमुना नदी में वर्ष 2024-25 में भूमि कटाव को रोकने के लिए सीसी स्टड व सीसी वाल का निर्माण कराने का एस्टीमेट बनाया गया। जिस एजेंसी ने काम लिया उसने इको सेसटिव जोन में बिना अनुमति न केवल स्टड लगाने का काम शुरु कर दिया, बल्कि मिक्सिंग प्लांट भी लगा दिया। खैर काम शुरु हुआ तो वहीं यमुना से रेत व खनिज उठाया गया, मगर इसके बावजूद काम को पूरा नहीं किया गया ओर बीच में छोड़ दिया गया। काफी समय बाद दोबारा से काम लगाकर जैसे तैसे सात आठ माह पूर्व काम पूरा कर दिया गया।
साढ़े तीन करोड़ खर्च एक साल भी चल नहीं पाया काम
इस काम के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ का बजट खर्च कर दिया गया, मगर काम एक साल भी नहीं टिक पाया या यूं कहे काम पूरा होने के बाद बारिश के पहले सीजन में ही बनाई दीवार व स्टड का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया है व जिस जमीन को बचाने के लिए यह काम किया गया उसमें दोबारा से कटाव शुरु हो गया है यानी करोड़ों रुपये पानी में बह गए। ग्रामीणों ने बताया कि इस काम को पूरी गंभीरता से नहीं किया। जिसकी वजह से इसकी यह हालत हो गई।
सवाल यह है कि केवल बाढ़ राहत कार्य कह कर ऐसे करोड़ों रुपये नहीं फूंके जा सकते। विभाग को यह पता था कि यह काम यमुना नदी में हो रहा है वहां पर किस तरह का मैटिरियल लगेगा उसके कितनी गुणवता का काम होना चाहिए , मगर इसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया।ऐसे में करोड़ों रुपये बर्बाद भी हो गए ओर भूमि कटाव भी शुरु हो गया। लोगों का कहना है कि अंग्रेजी शासन में बनाए गए पुल स्ट्रक्टचर खड़े है जबकि करोड़ों रुपये खर्च कर करवाए गए सिंचाई विभाग के काम एक साल भी नहीं टिक पाते हैं।
सिंचाई विभाग के कामों की होनी चाहिए जांच: नरपाल सिंह
इस मामले में कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष नरपाल सिंह गंदापुरा का कहना है कि सिंचाई विभाग के कामों की हालत ही ऐसी है, कामों में जमकर गोलमाल होता है। बारिश के सीजन में तो यह काम शुरु करवाते है जो सबसे बड़ा सवाल है। इस बार भी काम लेट चालू किए गए ताकि बारिश आए पता न चले क्या हुआ क्या नहीं हुआ। उन्होंने कहा इसकी जांच होनी चाहिए, ऐसे ही जनता का करोड़ों रुपया बर्बाद नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हर जगह यही हाल काम होने के बावजूद न केवल खेती की जमीन का कटाव हो रहा है, बल्कि आबादी एरिया को भी नुकसान हो रहा है। ऐसे काम कराने का क्या लाभ है।
मौका निरीक्षण करने के बाद ही बता पाएंगे
इस मामले में वाटर सर्विसेज डिविजन जगाधरी के कार्यकारी अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि मौका निरीक्षण करने के बाद अगला काम शुरु करवाया जाएगा। जबकि एसडीओ अजय का कहना है कि हमने कलेसर में कई जगह काम शुरु करवाया हुआ है, कटाव न हो इसके लिए तारों में बांध पत्थर डाला जा रहा है व एक जगह मिटटी की साइड आदि बनाई जा रही है।