प्रतापनगर, यमुनानगर। प्रतापनगर एरिया के भूड़कलां- ताजेवाला रोड पर गौसदन के समीप अंधेरा ढलते ही जमकर अवैध खनन हो रहा है। इसके साथ ही नैनावाली स्कूल के समीप खेती योग्य जमीनों पर भी रात पर अवैध खनन चलता है,मगर खनन विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। रात भर जेसीबी व एचएम की सहायता से इन दोनों जगहों पर बड़ी संख्या में डंपर कच्चा माल भर कर भूड़कलां व उसके आस-पास के स्क्रीनिंग प्लाटों व क्रशरों पर ले जाते है। पिछले दिनों खनन विभाग ने एक बार कार्रवाई की भी थी, कुछ दिन बंद रहने के बाद फिर से अवैध खनन शुरु होने का मतलब यह है कि इस तरह की कार्रवाईयों से अवैध खनन करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ता है।

भूड़कलां एरिया में जो कच्चा रास्ता ताजेवाला की ओर जाता है उस रास्ते में तो पिछले कुछ सालों में इतना भयानक रुप में अवैध खनन हुआ है कि अगर ताजेवाला के पास यमुना की पटरी टूट जाए तो सारा पानी ताजेवाला गांव को डूबा कर इस रास्ते के पास नहर से भी अधिक गहरी बना दी गई खाईयों से होता हुआ सीधा भूड़कलां तक पहुंच जाए। मगर यह अवैध खनन निरंतर जारी है। जिस जगह यह अवैध खनन हो रहा है वहां पर एक साइड तो यह कच्चा रास्ता है तो दूसरी ओर दक्षिण की ओर मांडेवाला का जंगल है  जंगल की बाउंड्री लेवल तक खोदने के बावजूद खनन चोर मान नहीं रहे हैं।

स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो ने की थी कार्रवाई मगर कोई असर नहीं

अभी कुछ दिन पहले ही स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो ने यहां से आठ डंपरो को अवैध खनिज सामग्री ले जाते हुए काबू किया था, जिस पर लगभग साढ़े 34 लाख जुर्माना लगाया था। मगर इसके बावजूद अवैध खनन करने वालों के हौंसले बुलंद है, क्योंकि एक एकड़ में से ही लगभग 70 से 80 लाख तक का मैटिरियल निकल आता है। ऐसे में खनन माफिया को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नैनावाली गांव के सरकारी स्कूल के पास भी चल पडता है अवैध खनन

नैनावाली गांव के सरकारी स्कूल के पास भी अवैध खनन चल रहा है यहां पर भी लगभग एक महीने से यही हाल है। कुछ दिन यहां पर भी काम बंद रहा, मगर रात को नौ बजे से दस बजे के बीच में यहां पर भी अवैध खनन चालू हो जाता है। रात भर डंपर खेती की जमीन से कच्चा माल निकाल कर ले जाते है। इसकी वजह से यहां पर खेती की जमीनें खराब होती जा रही है।

 

 

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