बेलगढ़, यमुनानगर। बल्लेवाला से लेकर बेलगढ़ को जिस प्रकार से खोदा जा रहा है। उससे लगता है कि खनन माफिया को यहां पर खुली छूट मिली हुई है। यहां पर चल रहे स्टोन क्रशर्स व स्क्रीनिंग प्लांटस पर लाखों मीट्रिक टन माल पड़ा हुआ है। जबकि इस सीजन में आमतौर पर खनन का काम बंद हो जाता है मगर यहां पर तो दिन-दहाड़े अवैध खनन हो रहा है। हालात यह हो चुके है कि बल्लेवाला से लेकर मुजैहदवाला वन विभाग के जंगल का छोटा सा हिस्सा छोड़ दिया जाए तो चारों तरफ 50 से 100 फीट तक गहरी खाईयां खोद दी गई है। हरियाली से हरा भरा पूरा क्षेत्र उजाड़ होता जा रहा है।

खादर में यमुना नदी के किनारे बसा बल्लेवाला से बेलगढ़ क्रशर जोन ,खनिज की अवैध लूट का सबसे बड़ा गढ़ बना हुआ है। चाहे बल्लेवाला के रास्ते से बेलगढ़ यमुना नदी तक जाया जाए चाहे मुजैहदवाला के जंगल के रास्ते से।  जंगल के हिस्से को छोड़ कर चारों ओर खेतों को यमुना से भी गहरा खोदा गया है। बेलगढ़ की पटरी के पूर्व में यमुना नदी है तो पश्चिम में यानी अपनी ओर लुटी-पिटी खेती की जमीनें। दूर-दूर तक गहरी खाईयां हो  चुकी है। मगर अब भी अवैध खनन का काम नहीं रुक रहा है। दिन के समय में ही मुजैहदवाला से यमुना नदी की ओर जाने वाले रास्ते के बाएं ओर दूर खेतों में दिन के उजाले में एचएम की सहायता से खेती की जमीन को खोदा जा रहा था। इसी कच्चे माल को क्रशिंग व स्क्रीनिंग प्लांटस पर ले जाया जाता है। बेलगढ़ से लेकर बल्लेवाला तक इन यूनिटस पर लाखों मीट्रिक टन ग्रेवल रेत आदि पड़ा है जबकि आस-पास दूर-दूर तक कोई खनन साइट नहीं है।

पूरा खेल खनन विभाग की जानकारी में

मुजैहदवाला फारेस्ट चौकी के सामने के अलावा जंगल के पूर्व की ओर बेलगढ़ तक अवैध खनन का खेल चलता है मगर वहां पर न किसी खनन अधिकारी न किसी निरीक्षक न ही किसी गार्ड का पहुंचना यह दर्शाता है कि सब कुछ विभाग की जानकारी में चल रहा है। आस-पास के लोग शिकायतें कर-करके थक चुके हैं। मगर किसी पर कोई असर नहीं है। कई बार यमुना नदी से अवैध खनन करते वाहनों के बारे में आस-पास के लोगों ने खनन समेत अन्य विभागों को शिकायत दी है। मगर कार्रवाई तो दूर की बात दिखावे के लिए भी कोई नहीं जाता।

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