नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भारतीय नागरिकों की म्यांमार स्थित साइबर क्राइम स्कैम कम्पाउंड्स में अवैध तस्करी से जुड़े दो मामलों में कार्रवाई करते हुए दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। इन मामलों में मानव तस्करी और अवैध बंधन के अपराध शामिल हैं, जिनके लिए आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

हाल ही में भारत सरकार ने म्यांमार से कई साइबर स्लेवरी (Cyber Slavery) के शिकार भारतीय नागरिकों को वापस लाने में सफलता हासिल की है। जांच के दौरान सीबीआई ने कई एजेंटों की पहचान की जो विदेशी स्कैम कम्पाउंड्स की ओर से काम कर रहे थे। इन्हीं में से दो एजेंट, जिन्होंने राजस्थान और गुजरात के पीड़ितों को म्यांमार भेजा था, भारत लौटते समय गिरफ्तार कर लिए गए।

जांच में खुलासा हुआ है कि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को फर्जी रोजगार के लालच में म्यांमार भेजा जा रहा था। ये एजेंट लोगों को थाईलैंड के रास्ते म्यांमार ले जाकर वहां साइबर फ्रॉड, डिजिटल गिरफ्तारी स्कैम, निवेश और रोमांस फ्रॉड जैसी अवैध गतिविधियों में जबरन शामिल करते थे। वहां पीड़ितों को बंधक बनाकर धमकाया और प्रताड़ित किया जाता था। ऐसे पीड़ितों को “साइबर गुलाम (Cyber Slaves)” कहा जाता है।

सीबीआई ने कहा है कि वह साइबर स्लेवरी और ट्रांसनेशनल मानव तस्करी जैसे उभरते खतरे से निपटने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर लगातार काम कर रही है।एजेंसी ने सभी नागरिकों, विशेष रूप से युवा नौकरी चाहने वालों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया, ऑनलाइन विज्ञापनों या अनधिकृत एजेंटों के माध्यम से मिलने वाले विदेशी नौकरी के ऑफरों से सावधान रहें।

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