यमुनानगर। नगली घाट गुमथला पर बने पुल से खनिज से भरे ओवरलोडेड वाहन निकल रहे है। इसकी चिंता न तो बीएंडआर को है न ही रोड ट्रांसपोर्ट अथारिटी को। पुल को अभी औपचारिक रुप से शुरु नहीं किया गया है। मगर खनन एजेंसियों ने इसकी चिंता किए बिना अपने वाहनों को पुल से गुजारना शुरु कर दिया है। पहले पुल के नीचे खनन को लेकर लगातार बीएंडआर डिपार्टमेंट जिला खनन अधिकारी को पत्र लिखता रहा है, मगर अब तो पुल का नीचे के साथ ऊपर से भी अवैध प्रयोग चालू हो गया है। पर्यावरण को लेकर एनजीटी का कोई नियम इस एरिया में लागू नहीं हो पा रहा है।
गुमथला-जठलाना एरिया में नियमों के विपरित हो रहे खनन को लेकर लगातार आवाज उठाने वाले अधिवक्ता वरयाम सिंह ने कहा है कि जब पुल निर्माणाधीन था तो इसके नीचे से लगातार अवैध खनन हो रहा था।जिसको लेकर लगातार वह प्रशासन व सरकार के पास इसकी शिकायत करते रहें। अब पुल लगभग तैयार है, हालांकि अभी औपचारिक रुप से इसको खोला नहीं गया तो है इससे लगातार रेत से भरे ओवरलोडेड वाहन गुजारे जा रहे है। बीएंडआर डिपार्टमेंट ने उनकी शिकायतों के बाद 2024 में लगातार जिला खनन अधिकारी को पुल के नीचे अवैध खनन से रोकने के लिए पत्र लिखे हैं।
मगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जैसे तैसे यह पुल तैयार हुआ है तो इसके ऊपर से खनिज से भरे ओवरलोडेड वाहन गुजारे जाने लगे है। उन्होंने कहा कि नियमों के विपरित किसी भी कार्य पर कार्रवाई करने का अधिकार संबधित विभाग के अधिकारियों का है मगर यहां तो शिकायतों के बावजूद अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं, यानी सीधा मिलीभगत का खेल चल रहा है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पुल की सुरक्षा के लिए आला अधिकारियों को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि तय समय सीमा से बहुत देरी से बने पुल को नुकसान न पहुंचे।
बताया जाता है कि इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूरा होना था। इसके निर्माण में शिकायतों को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो की टेक्निकल टीम ने भी कुछ महीने पहले यहां पर दौरा किया था। जिस दौरान कई खामियां पाई गई थी। यानी यह पुल लगातार विवादों से जूझता रहा है। अब पुल निर्माण हो गया तब भी उसकी सुरक्षा को लेकर कोई चिंतित नहीं है।
पूरा क्षेत्र अवैध खनन व ओवरलोड का गढ़ बन चुका है
इस पूरे क्षेत्र में कभी यमुना की धाराओं को मोड़ कर खनन करने कभी सड़कों व अन्य जगहों के लिए तय मापदंड पूरे न कर खनन करने कभी ओवरलोड से हालात खराब होने के लगातार आरोप लगते रहे है, केवल आरोप ही नहीं लगातार यह मीडिया की सुर्खियां बनता रहा है। मगर अधिकारी केवल फाइलों व कागजों का पेट भर कर चले जाते है, क्योंकि जो कुछ हो रहा है इसकी जानकारी सबको है। मजे की बात यह है कि यह एरिया खनन का एकमात्र ऐसा क्षेत्र बन चुका है जहां पर शायद कोई कानून लागू नहीं होता है।




