-पॉवर हाउस कॉलोनी के सामने प्राइवेट फड पर तुल रही धान को लेकर कालोनीवासियों ने दी थी शिकायत
छछरौली, प्रतापगनर, यमुनानगर। कोराेना काल में अनाज मंडियो में सोशल डिस्टेंस मेंटेन करने को लेकर कमीशन एजेंटस कोई कई जगह परचेज सेंटर बनाने की अनुमति दी गई। इसके पांच छह साल बीत जाने के बावजूद मार्किट कमेटी छछरौली के अंतर्गत आने वाली छछरौली व प्रतापनगर अनाज मंडी के कई कमीशन एजेंटस ने अपनी प्राइवेट लैंड पर परचेज सेंटर बनाए हुए है। इसकी पूरी जानकारी मार्किट कमेटी अधिकारियों व कर्मचारियों को है इसके बावजूद इन फर्जी सेंटरों पर फसलों को उतारा जाता है बल्कि उनकी तुलाई से लेकर लदान तक होता है। यह खेल पिछले पांच से छह साल से ऐसे ही चल रहा है। अब छछरौली हाइवे पर इसी तरह के एक सेंटर की शिकायत आस-पास के कालोनीवासियों व दुकानदारों ने एसडीएम छछरौली व मार्किट कमेटी सचिव को दी, मगर शिकायत के बावजूद यह सेंटर नहीं हटाया गया, बल्कि कालोनीवासियों को इसको अगले सीजन में न चलाने का वायदा करके वापस भेज दिया गया।
अनाज मंडी परिसर से करीब एक किलोमीटर दूर पॉवर हाउस कॉलोनी के सामने एक प्राइवेट फड पर धान की तुलाई से कॉलोनीवासी परेशान हैं। पूरा दिन धान की सफाई व तुलाई से धूल उड़ती रहती है जिससे बच्चे व बुजुर्गों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना था कि पूरा दिन उन्हे शरीर ऐसा लगता है जैसे धान की कटाई करने वाले मजदूरों का हाल होता है।
उन्होने एसडीएम व मार्केट कमेटी सचिव को शिकायत पत्र सौंपते हुए बताया कि लाइसेंसधारी कमीशन एजेंटस मंडी में मिले फड़ पर धान तोलने की बजाय कई सालों से यहां पर धान की तुलाई कर रहे हैं। जब धान की सफाई के लिए पंखा व मशीन चलती है तो धूल का गुब्बार यहां बसे 20 से ज्यादा घरों को प्रभावित करता है। स्थानीय निवासी व दुकानदार इसकी वजह से लगातार बीमार हो रहे हैं। इसके कारण दमे जैसे हालात, आंखों में जलन, शरीर में खुजली और बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। वहीं उन्होने कहा कि साजन खत्म होने के बाद यह कचरे को सड़क किनारे डाल देते हैं जो पूरा साल उड़ता हुआ परेशान करता है। उन्होने बताया कि पास ही बालकुंज भी है जहां सैंकड़ो बच्चे रहते हैं। ऐसे में उनका स्वास्थ्य भी खतरे में है।
यहीं नहीं इसके आस-पास कई शैलर्स में भी धान की तुलाई होती है। इसके अलावा प्रतापनगर एरिया में एनएच के आस-पास बने राइस मिल्स में भी धान से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां देखी जा सकती है। जहां पर कोरोना काल में खरीद केंद्र बनाए गए थे। ऐसे में सवाल यह है कि जो कमीशन एजेंटस अनाज मंडी में अपना काम करते है उनकी क्या गलती है वह भी कहीं न कहीं अपनी लैंड या शैलर्स अपने सेंटर बना सकते है। ऐसे में मंडी में विभागीय देख-रेख का औचित्य क्या रह जाता है। जो भी प्रशासनिक अधिकारी या नेता आते है वह केवल मंडी विजिट करते है इन सेंटरों पर कोई निगरानी नहीं होती है। आखिर मार्किट कमेटी के अधिकारी ऐसे अवैध रुप तुलाई सेंटरों के प्रति साफ्ट कार्नर क्यों रखे हुए हैं।
छछरौली को सब डिविजन बना दिया गया है ऐसे में मार्किट कमेटी के अधिकारी नियमों का पालन सही करा रहे है उसको देखना सब डिविजन आफिस का काम होता है। मगर ऐसा भी नहीं हो रहा है।
मार्केट कमेटी सचिव ॠषिराज ने बताया कि उनके पास शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद कालोनीवासियों से बात की गई उन्हें आश्वासन दिया गया है कि यहां पर केवल धान सुखाने का काम किया जाएगा, बाकी कोई काम नहीं होगा। यानी सवाल यह है कि लिखित में शिकायत के बाद जो विभागीय कार्रवाई की जानी बनती है वह करने की बजाय कालानिवासियों को संतुष्ट करके भेज दिया गया। इसके अलावा कहीं न कहीं अधिकारी इस बात को मान रहे हैं कि यहां पर जो काम हो रहा है वह सही नहीं है।




