कलेसर, यमुनानगर। यमुना नदी के उफान पर आने से कलेसर रेंज के प्रोटेक्टड फारेस्ट मांडेवाला में 10 एकड़ से अधिक जंगल पानी में बह गया है। वहां पर सुबह से लगातार कटाव जारी है। यमुना नदी में बहाव अगर इसी तरह से जारी रहा तो जंगल का बड़ा हिस्सा पानी में समा सकता है। कटाव को रोकने के लिए विभाग क्या कर रहा है इसकी जानकारी नहीं है, मगर जंगल में खैर समेत सैकड़ों की संख्या में पेड़ पौधे पानी में बह गए हैं। इससे पहले वर्ष 2023 में भी 20 से 25 एकड़ जंगल पानी की भेंट चढ गया था। कटाव अगर जारी रहा तो दूसरी साइड बसे कोलीवाला गांव की आबादी के लिए खतरा बढ़ सकता है।
यमुना नदी में हालांकि एक लाख 70 हजार क्यूसिक पानी आया है, मगर इतने पानी ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है। पानी की सीधी टक्कर कलेसर रेंज के मांडेवाला जंगल में लग रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिस जगह पर स्टड आदि लगाए गए थे वहां पर तो बचाव है मगर उसकी डाऊनस्ट्रीम में 10 एकड़ से अधिक जंगल पानी में बह चुका है। इसके बाद भी कटाव लगातार जारी है। अगर दो तीन ऐसा रहा तो जंगल का अधिकांश हिस्सा पानी की भेंट चढ़ सकता है। इससे यहां पर हजारों-लाखों की संख्या में खड़े पेड़ व पौधे यमुना में समा जाएंगे।। मांडेवाला खैर के पेड़ों का घना जंगल है।
जंगल के कटाव से कोलीवाला गांव को हो सकता है खतरा
जंगल में लगातार हो रहे कटाव से जंगल के पश्चिम की ओर बसे कोलीवाला गांव को खतरा हो सकता है, क्योंकि जंगल के इस साइड में पंचायती जमीन के अलावा अन्य जमीनों में बहुत बड़ी मात्रा में अवैध खनन हो चुका है। यहां पर गहरी हो चुकी जमीन की जंगल तक ऊंचाई 50 से 70 फुट तक है, यानी अगर जंगल का कटाव न रुका तो इसकी सीधी चपेट में कोलीवाला की आबादी आ जाएगी।
प्रोटेक्टड फारेस्ट के लगातार कटाव के बावजूद कोई आला अधिकारी मौका मुआयना करने मौके पर नहीं पहुंचा है। वन विभाग के अधिकारियों को भी शायद इसकी चिंता नहीं है।