कलेसर, यमुनानगर। वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया व कलेसर नेशनल पार्क में खैर का अवैध कटान कर बाजार में बेचने का प्रयास तो वन स्टाफ ने विफल कर दिया, मगर कलेसर से लेकर चिक्कन तक नेशनल पार्क एरिया में खैर का अवैध कटान न रुक पाना एक बड़े सवाल खड़े कर रहा है। इस बार कर्मिशयल नंबर प्लेट लगी ट्राइबर गाड़ी को इस्तेमाल किया गया। गाड़ी को पकड़ लिया गया, मगर आरोपी भागने में सफल हो गए। रेंज कार्यालय के तीन चार किलोमीटर के दायरे में गाड़ी पकड़ी गई। गाड़ी से 8 पीस खैर के बरामद हुए।
कलेसर वन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब विभाग के कलेसर ब्लाक इंचार्ज जसवंत सिंह व बीट इंचार्ज विकास नेहरा दिन के समय जंगल में गश्त पर थे तो उन्हें कंपार्टमेंट-14 में खैर के दो पेड़ों की मुंडिया दिखाई दी। इसके बाद उन्होंने इसकी वन अपराध रिपोर्ट दर्ज कर दी। जानकारी एकत्रित की गई तो पता चला कि कलेसर निवासी इरशाद ने अपने साथियों से मिलकर यह पेड़ काटे हैं। रात को सूचना मिली कि जो लकड़ी नेशनल पार्क व वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एरिया से काटी गई है उसको किसी गाड़ी में लाद कर बाजार बेचने के लिए ले जाया जाएगा।
विभाग के स्टाफ ने इसको पकड़ने का प्लान बनाया व रात को एक गाड़ी कलेसर गांव की ओर से रोड पर आती दिखाई दी। जिस पर पीली नंबर प्लेट लगी हुई थी। गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया तो गाड़ी का ड्राइवर गाड़ी को ताजेवाला की ओर भगा ले गया। गाड़ी का पीछा किया गया तो गाड़ी चालक गाड़ी को बांबेपुर से होता हुआ नागलपत्ती की ओर ले गया ओर गांव में गाड़ी को छोड़ कर उसमें से निकल भागा। गाडी में बिना छिली हुई लकड़ी लदी हुई थी। गाड़ी को कब्जे में लेकर रेंज कार्यालय ले आया गया। गाड़ी को जब चेक किया गया तो उसमें से आठ पीस खैर के पीस बरामद हुए।
सवाल यह है कि नेशनल पार्क व सेंचुरी एरिया में इस तरह लगातार अवैध कटान सवाल खड़े कर रहा है। कलेसर से लेकर चिक्कन तक का पूरा एरिया वन माफिया के निशाने पर है। मगर न तो यहां पर स्टाफ की बढ़ोतरी की जा रही है न ही किसी अधिकारी से लेकर अन्य स्टाफ की जवाबदेही तय की जा रही है।